*आज एक नई सीख़ मिली*
जब अँगूर खरीदने बाजार गया ।
पूछा *"क्या भाव है?*
बोला : *"80 रूपये किलो ।"*
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।
मैंने पूछा: *"क्या भाव है" इनका ?"*
वो बोला : *"30 रूपये किलो"*
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..?
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढिया..!! लेकिन ... *अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।"*
मैं समझ गया कि ... *संगठन...समाज* और *परिवार* से अलग होने पर हमारी कीमत......आधे से भी कम रह जाती है।
कृपया अपने *परिवार* एवम् *मित्रो*से हमेशा जुड़े रहे
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